वो रो रो कर कहती रही मुझे नफरत है तुमसे, मगर एक सवाल आज भी परेशान किये हुए है, की अगर नफरत ही थी तो वो इतना रोई क्यों …
मुझे तेरे सपनों से प्यार इतना हैं,
की खुद को उनके लिए न्योछावर कर दूँ.
करूँ बस मैं आपसे मोहब्बत इतनी,
और अपना ये साल आपके नाम कर दूं.
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं.
मचल के जब भी आँखों से छलक जाते हैं दो आँसू ,सुना है आबशारों को बड़ी तकलीफ़ होती है|
खुदारा अब तो बुझ जाने दो इस जलती हुई लौ को ,चरागों से मज़ारों को बड़ी तकलीफ़ होती है| कहू क्या वो बड़ी मासूमियत से पूछ बैठे है ,क्या सचमुच दिल के मारों को बड़ी तकलीफ़ होती है|
तुम्हारा क्या तुम्हें तो राह दे देते हैं काँटे भी ,मगर हम खांकसारों को बड़ी तकलीफ़ होती है|
ज़िन्दगी में बार बार सहारा नहीं मिलता,
बार-बार कोई प्यार से प्यारा नहीं मिलता,
हे जो पास उसे संभाल के रखना,
खो कर वो कभी दुबारा नहीं मिलत
नाकाम मोहब्बतें भी बड़े काम की होती हैं
दिल मिले ना मिले नाम मिल जाता है..!